भारतीय इतिहास के 10 महान शासक जो थे! सबसे शक्तिशाली थे
पूरे भारत पर राज करने वाले! यह 10 वीर भारतीय योद्धा के बारे में आज हम चर्चा करेंगे। तो दोस्तों, आज का ये लेख उन राजा और महाराजाओं को समर्पित है। जो हमारे भारत की आन, बान और शान हैं।
इन योद्धाओं की कहानी जिन्होंने औरंगजेब हो या सिकंदर या फिर सारे मुगल ही क्यों न हो, सबको मात दे दी थी। और टुकड़ों में बटे हुए भारत को अखंड भारत बनाया था। तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह बेहतरीन लेख:
10: अशोक
दोस्तों, लगभग पूरे भारतवर्ष में राज करने वाले सम्राट अशोक भारतीय मौर्य राजवंश के महान सम्राट कहे जाते हैं। उनका राज्य अफगानिस्तान से लेकर बर्मा तक और कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक फैला हुआ था और राजधानी पाटलिपुत्र थी। सम्राट अशोक का नाम हमेशा से महान राजाओं की लिस्ट में शामिल रहा है। मौर्य वंश के तीसरे शासक रहे अशोक को उनकी कठोरता और दयालुता दोनों के लिए जाना जाता है। अशोक एक महान योद्धा थे जिन्होंने अपने राज्य को बढ़ाने के लिए बहुत से युद्ध किए और जीते भी।
कलिंग युद्ध
लगभग 261 ईसा पूर्व में ईस्ट कोस्ट पर एक फ्यूड रिपब्लिक कलिंग (आज का उड़ीसा) के खिलाफ एक अभयंकर युद्ध छेड़ा था जिसमें लगभग डेढ़ लाख कलिंग योद्धाओं और एक लाख मौर्य योद्धाओं की जान चली गई। इसके कारण दया नदी का पानी लाल हो गया था। इस युद्ध के बाद अशोक ने बौद्ध धर्म को अपनाते हुए शांति के मार्ग पर चलने का फैसला किया। बौद्ध धर्म को देश-दुनिया में फैलाने का श्रेय अशोक को ही जाता है।
शांति और धम्म विजय
कहते हैं कि समय के साथ अशोक महान सम्राट और विचारक के रूप में उभरे। उन्होंने दिग्विजय की जगह धम्म विजय को अपनाया और आम लोगों का सम्राट बनने पर जोर दिया और इसमें सफल भी रहे। उनके शासनकाल में ही कई प्रमुख यूनिवर्सिटीज की स्थापना की गई जिसमें तक्षशिला और नालंदा विश्वविद्यालय प्रमुख हैं।
तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक द्वारा बनाया गया मध्य प्रदेश सांची का स्तूप आज तक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। अशोक स्तंभ से लिए गए चिन्ह को भारत के राष्ट्रीय ध्वज में स्थान दिया गया है और चार शेर वाले चिन्ह को राष्ट्रीय चिन्ह यानी कि नेशनल एंबलम का सम्मान दिया गया है।
09: चंद्रगुप्त मौर्य
दोस्तों इतिहास की चर्चा हो और सम्राट चंद्रगुप्त का नाम ना लिया जाए ऐसा तो हो ही नहीं सकता मौर्य वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त को भारत का पहला सम्राट माना जाता है। वैसे तो इनके जन्म के बारे में कई कहानियां है लेकिन चाणक्य जैसे महान रणनीतिकार को गुरु के रूप में पाने के बाद इन्होंने अपना अभियान शुरू किया।
चंद्रगुप्त ने लगभग 2 लाख पैदल सेनाऔर 80000 खड़ सवारों की एक सेना बनाई थी। जिसका समर्थन हजारों रथों और हाथियों द्वारा किया जाता था। सबसे पहले उन्होंने मगध से नंद वंश को खत्म कर अपना शासन स्थापित किया और फिर अलग-अलग खंडों में बटे हुए भारत को अखंड भारत बनाया कहा जाता है। कि चाणक्य को जब यह खबर मिली कि अलेक्जेंडर यानी कि सिकंदर भारत पर आक्रमण करने की योजना बना रहा है।
तब उन्होंने भारत के सभी राज्यों को एक साथ लाने के लिए एक योग्य राजा की तलाश शुरू कर दी उनकी यह खोज चंद्रगुप्त पर आकर खत्म हुई चाणक्य के मार्गदर्शन में ही चंद्रगुप्त ने सिकंदर के सेनापति सिलस को युद्ध मेंहराया था। और उनके साथ संधि की थी। कि वे कभी भी भारत पर आक्रमण नहीं करेंगे दोस्तों चंद्रगुप्त ने अपने शासनकाल में ना सिर्फ अपने राज्य की सीमाओं को बढ़ाया बल्कि उसकी आर्थिक उन्नति पर भी ध्यान दिया।
08: राजा राजा वन
दोस्तों दक्षिण भारत के राजा राज चोल प्रथम उन शासकों में से एक है। जिन्हें हजारों साल बाद भी याद किया जाता है। चोल साम्राज्य के वास्तविक संस्थापक परांत द्वितीय के पुत्र अरिमिल्ली युग था आज भी चोल राजवंश की जड़े दक्षिण भारत के तमिल लोगों में दिखाई देती है। और इसका इतिहास तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व तक जाता है।
जब राजा राज सत्ता में आए तोराज्य को भारत में पांड्या चेर साम्राज्य और श्रीलंका में के विरोध का सामना करना पड़ा। राजराज ने अपनी अनेकों जीत के कारण एक छोटे से चोल राज्य को एक विशाल काय साम्राज्य में बदल दिया था। उन्होंने ना सिर्फ अपने साम्राज्य को बढ़ाया बल्कि उनके शासनकाल में बहुत से मंदिरों का भी निर्माण हुआ।
उन्होंने दक्षिण में अपना शासन बनाया और अपना प्रभाव श्रीलंका तक फैलाया यही नहीं बल्कि हिंद महासागर के व्यवसायिक समुद्र मार्गों पर चोला वंश का ही राज चलता था। और उनकी अनुमति के बिना यहां कोई व्यापार नहीं कर सकता था राजा राज ने 100 से ज्यादा मंदिर बनवा जिनमेंसे सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक है तंजोर का शिव मंदिर जो यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया जा चुका है।
07: पृथ्वीराज चौहान
भारत के एक ऐसे महान राजा जिनका नाम सुनकर मुगल कांप उठते थे जी हां दोस्तों पृथ्वीराज चौहान को भारत का अंतिम हिंदू सम्राट माना जाता है। उन्हें राय पिथौरा के नाम से भी जाना जाता है अजमेर के साथ-साथ दिल्ली के साम्राज्य पर भी राज करने वाले पृथ्वीराज चौहान अपनी युद्ध कुशलता के लिए जाने जाते हैं। बात करें अजमेर के शासन की तो उन्हें अपने पिता सोमेश्वर चौहान की मृत्यु के बाद मिला था। लेकिन दिल्ली का उत्तराधिकारी उन्हें उनके नाना ने और उस समय दिल्ली में शासन कर रहे अनंगपाल ने घोषित किया था।
दोस्तों आपको बता दें। कि पृथ्वीराज की बायोग्राफी को उनके दोस्त और राज्य के महान कवि चंद्र बरदाई ने पृथ्वीराज रासो नामक बुक में लिखा है दोस्तों भला ये कौन नहीं जानता कि पृथ्वीराज ने गौर शासक यानी कि मोहम्मद गौरी को पहली बार युद्ध में हराया था।
लेकिन जीवन दान दे दिया था जबकि दूसरी बार जो युद्ध हुआ उसमें पृथ्वीराज को बंदी बना लिया गया और मोहम्मद गौरी ने उनकी आंखें भी निकलवा दी थी। लेकिन पृथ्वीराज चौहान की वीरता के बारे में जानकर आप चौक जाएंगे। बिना आंखों के भीउन्होंने अपने दोस्त चंद्र बरदाई की मदद से खुद प्राण त्यागने से पहले मोहम्मद गौरी को खत्म किया जिसने भारत के इतिहास में अपनी हमेशा के लिए जगह बना ली।
06: महाराजा रणजीत सिंह
दोस्तों पंजाब के शेर यानी कि शेर पंजाब के नाम से मशहूर महाराजा रणजीत सिंह को सिख साम्राज्य का संस्था स्थापक माना जाता है कहा जाता है। कि उन्होंने ही 19वीं सदी में सिख शासन की शुरुआत की थी। लेकिन शायद आप यह नहीं जानते कि बचपन में चेचक की बीमारी से इन्होंने अपनी एक आंख गवा ली थी। लेकिन फिर भी एक कुशल शासक थे। रणजीत सिंह ने 10 साल की उम्र में ही युद्ध लड़ने शुरू कर दिए थेजी हां दोस्तों आपने बिल्कुल सही सुना जिस उम्र में आजकल बच्चे उल्टी सीधी हरकतें कर रहे हैं।
उस उम्र में उन्होंने अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए युद्ध लड़े उन्होंने ही पूरे पंजाब को एक किया और सिख राज्य की स्थापना की महाराजा रणजीत ने अफगान के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ी और पेशावर के साथ-साथ पश्तून क्षेत्र पर भी अधिकार कर लिया कहते हैं। ऐसा पहली बार हुआ था। कि पश्तून पर किसी गैर मुस्लिम ने राज किया हो।
दोस्तों महाराजा रणजीत सिंह ने अपनी सेना को लड़ाई की खास टेक्नीक सिखवा जिसमें मार्शल आर्ट्स भी शामिल था और सिख खालसा सेना तैयार की कहा जाता है। कि सिंहासन पर बैठने के बाद भी उन्होंने कभी राज मुकुट नहीं पहना क्योंकि सिख धर्म में भगवान के सामने सबको एक बराबर माना जाता है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि दुनिया का नायाब कोहिनूर हीरा कभी महाराज रणजीत सिंह के खजाने का हिस्सा हुआ करता था दोस्तों लाहौर में अपनी आखिरी सांस लेने वाले इस महान शासक अपने जीते जी अंग्रेजों को पंजाब पर कब्जा नहीं करने दिया था।
05: महाराणा प्रताप
दोस्तों आज भी अगर कोई घोड़ा पालता है। तो उसे चेतक जरूर कहकर बुलाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं। ऐसा क्यों लेकिन उससे पहले जानते हैं। ये महाराणा प्रताप सिंह उदयपुर मेवाड़सिसोदिया राजवंश के राजा थे। महाराणा प्रताप को मुगल शासकों के सामने कभी ना झुकने के लिए याद किया जाता है। कई सालों तक बादशाह अखबर के साथ युद्ध करने वाले महाराणा प्रताप का इतिहास एक प्रेरणा की तरह है।
इन्होंने अपना सारा जीवन राष्ट्र कुल और धर्म की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया था। इसलिए इतिहास में इनका नाम आज भी वीरता और दृढ़ प्रतिज्ञा के लिए अमर है दोस्तों ऐसा कहा जाता है। कि महाराणा प्रताप 72 किलो का कवच पहनकर और 81 किलो का भाला अपने हाथ में रखते थे। भाला कवच और ढाल तलवार का वजन कुल मिलाकर 208 किलो था।
जी हां दोस्तों महाराणा 208 किलो वजन केसाथ युद्ध के मैदान में उतरते थे। मेवाड़ को जीतने के लिए मुगलों ने कई प्रयास किए लेकिन अजमेर को अपना केंद्र बनाकर अकबर ने उनके विरुद्ध सैनिक अभियान शुरू कर दिया था। महाराणा प्रताप ने कई वर्षों तक मुगलों की सेना के साथ संघर्ष किया उनकी वीरता ऐसी थी कि उनके दुश्मन भी उनके युद्ध कौशल की तारीफ किया करते थे।
अब आते हैं। आपके सबसे पहले सवाल पर महाराणा प्रताप और उनके प्यारे घोड़े चेतक की वीरता की कथाएं आज भी आपको राजस्थान के कण कण में मिल जाएंगी व ऐसे महान राजा थे। जिन्होंने कई वर्ष जंगलों में बिताए घास की बनी रोटियां खाईऔर एक बार फिर अपनी सेना खड़ी की लेकिन कभी भी दुश्मनों के सामने घुटने नहीं टेके ऐसे ही महान राजाओं की कहानी और महानता को जानने के लिए टॉप 10 हिंदी कर लें।
04: महाराजा पोरस
दोस्तों भारत के महान हिंदू राजा पोरस का नाम जब भी सुनते हैं। तो एक भारतीय होने के नाते हमारा सर अपने आप सम्मान से ऊंचा हो जाता है। पोरस सिंधु के राजा थे। आप यह जानकर चौक जाएंगे। कि उन्होंने सिकंदर के साथ इतनी वीरता से युद्ध लड़ा। कि दुनिया को जीतने वाले सिकंदर को भी उनके साहस के सामने झुकना पड़ा राजा पोरस का साम्राज्य सिंधु नदी से लेकर चेनाब नदी तक फैला हुआ था।
महान पोरस और सिकंदर के बीच हाई डेस पीस का युद्ध 326 ईसा पूर्व में हुआ था वैसे तो उनकी मृत्यु की सही तारीख के कोई प्रमाण नहीं मिलते। हालांकि कुछ इतिहासकार कहते हैं कि राजा पोरस की मृत्यु 321 से 315 ईसा पूर्व के बीच हुई थी। दोस्तों भारत सलाम करता है। ऐसे महान राजाओं को जिसे कोई ना हरा पाया उसने भारत में अपनी हार मानी इससे ज्यादा गर्व की बात और क्या ही हो सकती है।
03: छत्रपति शिवाजी महाराज
हम भारतीयों के लिए नंबर तीन छत्रपति शिवाजी महाराज इस महान मराठा शासक के बारे में कौन नहीं जानता शिवाजी भोसले एक जनरल के बेटे थे। जिनका जन्म भारत के पश्चिम में पुणे में हुआ था शिवाजी एक तरफजहां वीर योद्धा थे। वहीं दूसरी ओर बेहद दयालु शासक भी थे बताया जाता है। कि शिवाजी ने ही मराठा साम्राज्य की नीव रखी थी बचपन से ही शिवाजी ने युद्ध शिक्षा ली।
इन्हें गोरिला युद्ध तकनीक का जनक भी कहा जाता है। क्योंकि मुगलों के खिलाफ इन्होंने इसी तकनीक का इस्तेमाल किया इनकी गोरिल्ला युद्ध नीति के बारे में आज भी बात की जाती है। एक कुशल योद्धा और रणनीतिकार होने के साथ-साथ व प्रगतिशील शासक भी थे। शिवाजी सभी धर्मों का सम्मान करते थे। और उनके राज्य में सभी लोग बिना किसी भेदभाव के रहते थे। उनकी सेना में कई मुस्लिम योद्धा बड़े ओहदे पर असीन थे।
दोस्तों शिवाजी केआत्मसमर्पण के लिए एक बैठक की योजना बनाई गई लेकिन विश्वासघात का शक होने पर उन्होंने अपने कपड़ों के नीचे कवच पहना और छिपे हुए हथियार रखे ऐसा कहा जाता है। कि जिससे उन्होंने जनरल की आतें फाड़ दी थी भारत के स्वतंत्र संग्राम में बहुत से लोगों ने शिवाजी के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेकर स्वतंत्रता आंदोलन में अपना तन मन धन न्योछावर कर दिया था। यह आज भी लोगों के दिलों में राज करते हैं।
02: समुद्र गुप्ता
दोस्तों राजा समुद्रगुप्त गुप्त राजवंश के दूसरे शासक थे कहते हैं। कि उनके शासनकाल में देश का बहुत विकास हुआ था। उनकी युद्ध निपुणता और राजनैतिककौशल के कारण उन्हें भारत का नेपोलियन कहा जाता है। राजा समुद्रगुप्त ने सिर्फ कई विदेशी शक्तियों को पराजित कर अपनी शक्ति का लोहा मनवाया। बल्कि अपने बेटे विक्रमादित्य के साथ मिलकर भारत के स्वर्ण युग की शुरुआत की अपने शासन के साथ-साथ उन्होंने कला और संस्कृति को भी बढ़ावा दिया।
वे अपने राज्य को उत्तर में हिमालय दक्षिण में नर्मदा नदी पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी और पश्चिम में यमुना नदी तक फैलाने में सफल रहे। भारत में करेंसी के चलन में भी समुद्रगुप्त की भूमिका को इंपॉर्टेंट माना जाता है। उन्होंने प्योर गोल्ड की करेंसी और हाई क्लास की कॉपरकॉइंस का प्रचलन करवाया था। अपने शासनकाल में उन्होंने मेनली सात प्रकार के सिक्कों को बनवाना शुरू किया था।
जो आगे चलकर आर्चर बायकल क्स अश्वमेध टाइगर स्लेयर राजा और रानी लिरिसिस्ट नामों से जाने गए। उन्होंने भले ही बहुत से राज्यों को जीता लेकिन हर तरफ शांति बनाकर रखी शायद आप नहीं जानते होंगे। कि अपने समय में उनके पास सबसे विशाल सीना थी और इस कारण कोई भी उनसे युद्ध करने में घबराता था और यही कारण था। कि समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन कहा जाता है।
01: महाराजा छत्रसाल
ये एक ऐसे महाराज की कहानी है। जिसने सिर्फ 20 साल की उम्र में ही पांच घुड़सवार और 25 तलवारबाज सैनिकों को साथ लेकर मुगलों पर हमला किया और अपने राज्य को आजाद कराया उनकी इस बहादुरी के पीछे एक बहुत बड़ा हाथ था। छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराजा छत्रसाल बुंदेला जो मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच बसे बुंदेलखंड राज्य के एक महान राजा थे।
शायद आप में से बहुत से लोग नहीं जानते होंगे। कि यह मस्तानी के पिता थे। जिन्हें अपने बाजीराव मस्तानी मूवी में देखा था इनके माता-पिता मुगलों से लड़ ते हुए मारे गए थे। और बुंदेलखंड मुगलों का गुलाम हो गया था। महाराजा छत्रसाल के पास जब कुछ भी नहीं बचा। तो निराश होकर वह छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में शामिल होने के लिए महाराष्ट्र आ गए।
लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने छत्रसाल को अपनी सेना में लेने से साफ इंकार कर दिया। और उन्हें बुंदेलखंड वापस जाकर अपनी मातृभूमि को आजाद करके वहां पर अपना खुद का स्वराज्य बनाने को कहा शिवाजी ने छत्रसाल को मुगलों से लड़ने की तकनीक और गोरिला वर फेयर को समझाया और एक तलवार भी दी इस मुलाकात से महाराजा छत्रसाल काफी इंस्पायर हो गए।
और वह अपने 30 सैनिकों को लेकर बुंदेलखंड लौट गए। जहां पर उन्होंने मुगलों को हराकर अपनी मातृभूमि को आजाद कराया फिर उन्होंने अपनी विशाल सेना भी संगठित की दोस्तों आपको जानकर गर्व होगा कि महाराजाछत्रसाल ने औरंगजेब की सेना को पूरे 52 युद्धों में मात दी थी।
महाराजा छत्रसाल के लिए एक कहावत जो पूरे बुंदेलखंड में प्रसिद्ध है कि छत्ता तेरे राज में धकधक धरती होए जित जित घोड़ा मुख करे तित तित फतेह होए जिसका अर्थ है। कि छत्रसाल महाराज के राज में धरती भी धकधक करती थी। और महाराज जिधर भी घोड़े का मुंह कर दे उधर ही जीत हो जाती है दोस्तों भारत में जन्मे ऐसे महाराजाओं को शत शत नमन है।
लोग के पूछे गए प्रसन (FAQ)
भारत का सबसे महान राजा कौन था?
भारत के सबसे महान राजाओं में से एक चंद्रगुप्त मौर्य माने जाते हैं। उन्होंने मौर्य वंश की स्थापना की और भारत के पहले सम्राट बने।
भारत के 5 शक्तिशाली राजा कौन थे?
1. चंद्रगुप्त मौर्य
2. अशोक महान
3. अकबर
4. महाराणा प्रताप
5. महाराजा रणजीत सिंह
भारत में नंबर 1 योद्धा कौन है?
इतिहास में पृथ्वीराज चौहान को एक प्रमुख योद्धा माना जाता है, जिन्होंने मुहम्मद गौरी के खिलाफ वीरता दिखाई थी।
हिंदुस्तान का असली राजा कौन था?
अकबर महान को हिंदुस्तान का असली राजा माना जाता है क्योंकि उनके शासनकाल में मुगल साम्राज्य ने काफी उन्नति की और विशाल विस्तार प्राप्त किया।
Post Comment