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Vandna Yojana Team
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Top 10 Gangster in India: भारत के सबसे खूंखार गैंगस्टर
भारत में एक से बढ़कर एक डॉन माफिया और गैंगस्टर हुए हैं। जिनके काले कारनामों के किस्से सुनकर लोगों की आज भी रूह काप जाती है। इनमें करीम लाला, हाजी मुस्तान, दाऊद इब्राहिम, लॉरेंस बिश्नोई और बंबीहा गैंग का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।
आइए आज हम आपको भारत के टॉप 10 गैंगस्टर और उनके आपराधिक किस्सों के बारे में बताते हैं। जिनमें से कुछ ने पैसा कमाने की चाहत में तो कुछ ने गर्लफ्रेंड की जरूरतों को पूरा करने के लिए जुर्म की दुनिया में कदम रखा तो चलिए शुरू करते हैं।
10: हाजी मस्तान
अगर अंडरवर्ल्ड डॉन की बात करें। तो सबसे पहला नाम हाजी मस्तान का आता है। मस्तान मुंबई का पहला अंडरवर्ल्ड डॉन था। उसे बाहुबली माफिया तस्कर हाजी मस्तान भी कहते थे कहा जाता है। कि मस्तान ने वरद राजन मुदलियार और करीम लाला को आगे बढ़ाया था।
हाजी मस्तान का जन्म तमिलनाडु के कुड डोलोर में 1 मार्च 1926 को हुआ था। उसने 1970 तक मुंबई में अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया था कहा जाता है। कि मस्तान को सूट पहनने और वह केवल 21 साल की उम्र में पेशावर के रास्ते मुंबई पहुंचा। उसने 1940 तक तस्करी के कामों में अपना दबदबा बना लिया। इसके बाद उसने जुए और दारू के अड्डे भी खोल लिए कहा जाता है।
कि करीम लाला वरदराजनमुदलियार और हाजी मस्तान के इलाके बटे हुए थे। जिसकी वजह से तीनों के बीच कभी खून खराबा नहीं होता था। करीम लाला का निधन अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में 21 में हुआ
नंबर आठ वरदराजन मुदलियार
वरद राजन मुदलियार को जल्द अमीर बनने की चाहत ने अंडरवर्ल्ड की दुनिया का बेताज बादशाह बना डाला। उसका जन्म मद्रास प्रेसिडेंसी के थट्टू कुड़ी में 1966 में हुआ था। वर्धराजन पहले छोटी नौकरियां करता था। लेकिन बाद में वह मुंबई चला गया और रेलवे स्टेशन पर कूली का काम करने लगा उस समय उसकी उम्र 34 साल थी।
कली का काम करने के दौरान ही वह अवैध शराब के कारोबार से जुड़ा जब वह मुंबई आया। तो उस समय हाजी मिस्तान और करीम लाला का सिक्का अंडरवर्ल्ड में चलता था। वरद राजन ने भी अपना धंधा शुरू कर दिया। वह अपने कारोबार को बढ़ाना चाहता था। जिसे लेकर वह हाजी मस्तान से मिला हाजी मस्तान भी उससे प्रभावित हुए और उसे अपने साथ ले लिया।
दोनों मिलकर काम करने लगे इसी दौरान हाजी मस्तान ने उसकी मुलाकात करीम लाला से करवाई कुछ ही दिनों में वरदराजन ने मुंबई अंडरवर्ल्ड में अपनी पहचान बना ली वह हत्या की सुपारी लेने से लेकर तस्करी जैसे कामों को संभालता था दिल का दौरा पड़ने की वजह से चेन्नई में 2 जनवरी 1988 को उसकी मौत हो गई।
07: दाऊद इब्राहिम
मुंबई अंडरवर्ल्ड की दुनिया की बात हो! और दाऊद इब्राहिम का का नाम सामने ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता। दाऊद इब्राहिम भारत के मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट में पहले नंबर पर हैं। दाऊद कई आतंकी संगठनों से भी जुड़ा हुआ है कहा जाता है। कि उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का संरक्षण मिला हुआ है। दाउद 1993 में मुंबई ब्लास्ट का मुख्य मास्टरमाइंड है।
उसने अपनी बेटी की शादी पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मिया दद के बेटे से की है। दाऊद के पिता मुंबई पुलिस में हेड कांस्टेबल थे। दाऊद ने अपराध की दुनिया में कदम अपने भाई शब्बीर के साथ मिलकर तस्करी के काम से शुरू किया था। यहीं से मुंबई में खूनी जंग शुरू हुई अब तक अंडरवर्ल्ड की दुनिया में अपनी बादशाहत कायम कर चुके करीम लाला दाऊद के अपराध की दुनिया में कदम रखते ही अपने काम में दखल महसूस करने लगा।
उसने दाऊद के भाई शब्बीर की हत्या करवा दी। जिसके बाद दोनों गुटों के बीच खूनी गैंग वॉर शुरू हो गया। दाऊद के सिर पर खून सवार था वह करीम लाला से अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहता था। इसलिए उसने करीम लाला के भाई रहीम खान की अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी।
भाई की मौत से करीम लाला पूरी तरह टूट गया जिसके बाद उसने दाऊद से दोस्ती कर ली और जुर्म की दुनिया को छोड़ दिया करीम लाला के साथ ही मुंबई अंडरवर्ल्ड का पहला डॉन हाजी मस्तान और वरद राजन ने भी 1980 में अपराध की दुनिया को अलविदा कह दिया हाजी मस्तान ने 1970 में जय प्रकाश नारायण के आंदोलन से प्रभावित होकर राजनीति की दुनिया में कदम रखा कहा जाता है। कि 1993 के मुंबई धमाकों से पहले दाऊद भारत से दुबई चला गया था।
06: अरुण गौली
अरुण गौली का जन्म 17 जुलाई 195 को महाराष्ट्र के अहमदनगर के कोपर गांव में हुआ था। उसके पिता का नाम गुलाब राव था। जो मजदूरी करके घर का खर्चा चलाते थे। जब दाऊद इब्राहिम ने मुंबई छोड़ा। तो केवल दो ही खिलाड़ी अपराध की दुनिया में बचे थे। एक अरुण गौली और दूसरा अमरनायक अमर नायक को एक एनकाउंटर में पुलिस ने मार गिराया। जबकि उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मुंबई में अंडरवर्ल्ड की दुनिया में केवल गौली ही बचा था।
गौली को डैडी के नाम से भी जाना जाता था। वंडर वर्ल्ड की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया था। ऐसा कहा जाता है। कि उसके नाम से मुंबई के बड़े-बड़े लोग खौफ खाते थे। एक दशक में उसके कई दुश्मन पैदा हो गए। जिसके बाद उसने राजनीति में कदम रखा और अखिल भारतीय सेना नाम से खुद की पार्टी बनाई।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को खड़ा कर दिया गौली को लगता था। कि वह विधायकबनकर पुलिस की नजरों से बच जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं था। गौली ने 2008 में शिवसेना के पार्षद कमलाकर जाम संकर की सुपारी लेकर हत्या कर दी। इस केस में उसको उम्र कैद की सजा सुनाई गई उसके जेल में आते ही पुलिस ने उसके पूरे गैंग को साफ कर दिया।
05: बड़ा राजन
मुंबई अंडरवर्ल्ड की दुनिया में बड़ा राजन का भी नाम प्रमुखता से लिया जाता है। बड़ा राजन का असली नाम राजन नायर है। उसे छोटा राजन का गुरु कहा जाता है। बड़ा राजन पहले मुंबई में दर्जी का काम करता था। कहा जाता है कि उसने अपराध की दुनिया में कदम अपनी प्रेमिका के लिए किया था। राजन जो काम करता था। उसमें उससेबहुत कम पैसे मिलते थे। उसकी प्रेमिका के शौक बड़े-बड़े थे। इसको पूरा करने के लिए उसने महंगे टाइपराइटर की चोरी करनी शुरू कर दी दी एक दिन वह पकड़ा गया ।तो चोरी के जुरम में उसे 3 साल के लिए जेल भेज दिया गया।
जेल से बाहर निकलने के बाद उसने एक गैंग बनाया जिसका नाम रखा गया। गोल्डन गैंग गोल्डन गैंग का नाम 1970 के बाद राजन गैंग हो गया रंगदारी जबरन वसूली तस्करी फिल्मों की टिकट ब्लैक करना और पैसे लेकर कब्जा दिलाना बड़ा राजन का मुख्य धंधा हो गया। 1979 में जब आपातकाल हटा तो पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। एक दिन एक सिनेमा हॉल के बाहर पुलिस टिकटब्लैक करने वालों पर कारवाई करने पहुंची। तो उसकी बदमाशों से झड़प हो गई पुलिस ने लाठी चार्ज करना शुरू कर दिया।
इसी दौरान एक लड़का सामने आया और उसने पुलिस की लाठी लेकर उन्हें ही मारना शुरू कर दिया। जिससे भीड़ तितर बितर हो गई। इस लड़के से बड़ा राजन बहुत प्रभावित हुआ। और उसे अपने गैंग में शामिल कर लिया। आगे चलकर इसी लड़के यानी राजेंद्र को उसने अपने गैंग की कमान दे दी। राजेंद्र ही आगे चलकर छोटा राजन के नाम से जाना गया।
दोनों ने मिलकर पूरी मुंबई में अपने धंधे को आगे बढ़ाया कहा जाता है। कि तस्करी करके दोनों ने खूब पैसा कया 1980 में जब वरद राजन मुंबई से चेन्नईचला गया। तो बड़ा राजन ने उसके धंधे को जारी रखा एक समय ऐसा आया जब बड़ा राजन ने करीम लाला और हाजी मस्तान को तस्करी के धंधे में पीछे छोड़ दिया।
इसके बाद 1980 के अंत में बड़ा राजन ने अब्दुल कुंजू नाम के एक अपराधी को अपनी गैंग में जगा दी। जिसने कुछ समय बाद बड़ा राजन की प्रेमिका से ही शादी कर ली। इससे बड़ा राजन का खून खोल उठा और उसने कुंजू से दुश्मनी कर ली। एक साल बाद ही अब्दुल कुंजू ने बड़ा राजन की हत्या कर दी।
04: छोटा राजन
बड़ा राजन की 1982 में हत्या के बाद उसके धंधे को छोटा राजन ने आगे बढ़ाया। उसने बड़ा राजन के हत्यारों को जान से मारने की कसम खाईअब्दुल कुंजू को छोटा राजन का इतना खौफ था। कि उसने 1 साल बाद 9 अक्टूबर 1983 को पुलिस थाने में सरेंडर कर दिया। लेकिन छोटा राजन ने कई बार उसकी हत्या की कोशिश की लेकिन वह हर बार बच जाता था। एक बार तो भरे अस्पताल में छोटा राजन ने उसको मारने की कोशिश की। जिससे प्रभावित होकर दाऊद ने उसे अपनी गैंग में शामिल कर लिया। 1984 तक छोटा राजन दाऊद का खास बन गया इसी दौरान छोटा राजन को पता चला कि अब्दुल कुंजू खेल के मैदान में देखा गया है। तो छोटा राजन वहां पहुंचा और अब्दुल को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।
03: अबू सालेम
अबू सालेम मूल रूप से आजमगढ़ का रहने वाला हैउसका जन्म 1922 में हुआ था वह 1984 में काम की तलाश में मुंबई पहुंचा था और दाऊद इब्राहिम के लिए काम करता था। वह आजमगढ़ से युवकों को मुंबई लेकर उनसे शूटआउट को अंजाम दिलवा था। अबू सलेम फिल्म निर्माताओं से जबरन पैसा वसूल होता था। वो फिल्म निर्माता गुलशन कुमार राकेश रोशन सुभाष गई। और राजीव रॉय को धमकी देने से भी पीछे नहीं हटा इस समय व सलाखों के पीछे है कुलशन कुमार की हत्या के पीछे भी सलेम का ही हाथ होने की बात कही जाती है। उसे 2002 में पुर्तगाल में गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद 2015 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
दोस्तों पंजाबी गायक सिद्धूमूसेवाला हत्याकांड के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई बड़ा चर्चा में है लॉरेंस बिश्नोई के साथ ही गोल्डी बरार ने सोशल मीडिया पोस्ट करके हत्या की जिम्मेदारी ली। दूसरी ओर बिश्नोई के विरोधी बंबीहा गैंगस्टर हैं। जिन्होंने इस हत्या का बदला लेने की धमकी दी है यह बात लोग अभी भूले नहीं थे। कि 12 अक्टूबर 2024 की रात में बाबा सिद्दीकी को उनके बेटे जीशान के ऑफिस के सामने बिश्नोई गैंग ने गोली मारकर हत्या कर दी बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी का जन्म 13 सितंबर 1958 में हुआ था। बाबा एक भारतीय पॉलिटिशियन थे। जो महाराष्ट्र राज्य में वांद्रे पश्चिम विधानसभा क्षेत्र सेविधानसभा के सदस्य थे बाबा सिद्दीकी की हत्या को अंजाम देने वाले तीनों संदिग्ध शूटरों ने हत्या से पहले लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से इंस्टेंट मैसेजिंग पप से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं
02: लॉरेंस बिश्नोई गैंग
पंजाबी गायक सिद्धूमूसेवाला हत्याकांड के बाद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई बड़ा चर्चा में है वह कई बार पुलिस हिरासत से भाग चुका है। पहले वह जोधपुर और भरतपुर की जेल में बंद था लेकिन अब दिल्ली की तिहाड़ जेल में है। करीबन पिछले 7 साल से लॉरेंस जेल में है कहा जाता है। कि जेल में रहने के बावजूद व आसानी से अपना गैंग चला रहा है। अभी उसके गैंग में 500 से ज्यादा अपराधी शामिल है। जेल के बाहर उसका काम गोल्डी बरार संभालता है। गोल्डी बरार ने पंजाब और पंजाब के बाहरकई कत्ल करवाए हैं। जब पुलिस उसके पीछे पड़ी तो वह भागकर कनाडा चला गया। हालांकि वोह लॉरेंस के संपर्क में हमेशा रहा कहा क जाता है। कि 2015 में जब लॉरेंस पकड़ा गया और जेल गया तब से ही जेल के बाहर का सारा काम गोल्डी बरार को सौंप दिया गया। कनाडा में बैठा गोल्डी बरार इस समय लॉरेंस बिश्नोई का सबसे भरोसेमंद और मजबूत हाथ है।
01: देवेंद्र बंबीहा गैंग
एक समय था जब देवेंद्र बंबीहा गैंग के नाम से दूसरे गैंगस्टर तक कांपा करते थे 2016 में पुलिस एनकाउंटर में बंबीहा मारा गया। लेकिन इसका गैंग आज भी एक्टिव है लॉरेंस बिश्नोई के करीबी दावा करते हैं। कि सिद्धू मूसेवालाकी देवेंद्र बंबीहा गैंग से नजदीकियां थी। मुसेवाला ने अपने एक एल्बम का नाम भी बंबीहा रखा था। मुसेवाला की हत्या के बाद से बंबीहा गैंग भी सक्रिय हो गया। गैंग ने मुसेवाला की हत्या का बदला लेने का ऐलान कर दिया यहां तक हमारे साथ बने रहने के लिए धन्यवाद दोस्तों।
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