मुख्य बिंदु:
- सोशल मीडिया पर एक तस्वीर और एक दावा वायरल हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके एसपीजी कमांडोज भी धोती पहनकर मंदिर पहुंचे।
- दावे में कितनी सच्चाई है, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन पीएम मोदी के इतने करीब तो उनके एसपीजी कमांडोज ही आ सकते हैं।
- अगर दावा सही है, तो आप देख सकते हैं कि किस तरह से एसपीजी कमांडोज ने पीएम मोदी को घेर रखा है। कुछ कमांडोज पीएम मोदी के आगे हैं तो कुछ पीएम मोदी के पीछे खड़े हैं। लेकिन मजे की बात यह है कि सभी सफेद धोती में हैं।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिनों का अनुष्ठान शुरू किया था। 22 जनवरी तक पीएम मोदी विशेष नियमों का पालन कर रहे हैं। 11 दिनों के इस अनुष्ठान की शुरुआत पीएम मोदी ने नासिक के काला राम मंदिर से की थी। इसी कड़ी में पीएम मोदी अब केरल के गुरु वय्यूर मंदिर पहुंचे।
बताया जा रहा है कि मंदिर के नियमों का पालन करते हुए पीएम मोदी की सुरक्षा में लगे एसपीजी कमांडोज को धोती पहननी पड़ी। जिस तरह से पीएम मोदी के चारों तरफ सुरक्षा घेरा बना हुआ है, उसे देखकर तो यही लग रहा है कि यह सभी एसपीजी कमांडोज हैं। आप इन सब की चाल ढाल देखिए, किस तरह से यह अलर्ट होकर पीएम मोदी की सुरक्षा कर रहे हैं।
आपको बता दें कि जिस समय पीएम मोदी मंदिर के अंदर दर्शन कर रहे थे, तो कई कमांडोज मंदिर के बाहर भी खड़े थे। यह कमांडोज अपने परिचित ब्लैक सूट में दिखे। लेकिन जिन एसपीजी कमांडोज को पीएम मोदी के साथ मंदिर के अंदर आना था, उन सभी को धोती पहननी पड़ी।
एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि पीएम मोदी की सुरक्षा में लगे एसपीजी कमांडोज पारंपरिक कपड़ों में दिखे। एसपीजी कमांडोज का स्वैग है। एक दूसरे सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि यह गुरु वय्यूर जी, कमांडोज को पारंपरिक कपड़ों में देखकर अच्छा लगा।
संपादकीय टिप्पणी:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश भर के मंदिरों में दर्शन करना एक आम बात है। लेकिन इस बार उन्होंने एक अलग पहल की है। उन्होंने 11 दिनों का अनुष्ठान शुरू किया है, जिसके तहत वह देश के अलग-अलग मंदिरों में दर्शन करेंगे। इस दौरान वह विशेष नियमों का पालन कर रहे हैं।
इसी कड़ी में वह केरल के गुरु वय्यूर मंदिर भी पहुंचे। इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए पुरुषों को धोती पहननी होती है। इसलिए पीएम मोदी की सुरक्षा में लगे एसपीजी कमांडोज को भी धोती पहननी पड़ी।
यह एक दिलचस्प घटना है। इससे यह पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी देश के पारंपरिक मूल्यों और संस्कृति का सम्मान करते हैं।